4nm प्रोसेसर क्या है? जानिए इसकी खूबियाँ, फायदे, और टेक्नोलॉजी का पूरा विस्तार मे।
4nm प्रोसेसर क्या है? नैनोमीटर टेक्नोलॉजी को बहुत ही सरल तरीके से समझाया गया है।
नैनोमीटर (nm) का अर्थ: ट्रांजिस्टर का आकार की गाथा।
4nm प्रोसेसर में "nm" नैनोमीटर का काम करती है — यह एक इकाई है जिससे हम लंबाई मापते हैं, जहां 1 नैनोमीटर 1 मीटर का एक अरबवाँ हिस्सा होता है। प्रोसेसर की दृष्टि में, यह संख्या लगे हुए ट्रांजिस्टर के आकार का प्रतीक है। ट्रांजिस्टर वह छोटे स्विच होते हैं जो प्रोसेसर के अंदर डेटा प्रोसेस करता है। जितना छोटा यह स्विच होगा, उतने ही ज्यादा ट्रांजिस्टर चिप पर फिट हो जाएंगे। 4nm प्रोसेसर में यह आकार करीब 0.000004 मिलीमीटर होता है, जो मानव बाल की मोटाई (0.02-0.04 मिमी) से 5,000 गुना छोटा है! 4nm टेक्नोलॉजी खास क्यों है? पुरानी जेनरेशन के सामने।
गन्तव्य के बाद प्रोसेसर 14nm, 10nm, 7nm, और अब 4nm तक चले आये। हर नई जेनरेशन में ट्रांजिस्टर का आकार कम होता जाता है, जिससे बहुत ही फायदे मिलते है हमे।
1. प्रदर्शन में वृद्धि: छोटे ट्रांजिस्टर ज्यादा गति से काम करते हैं। 4nm चिप 7nm की तुलना में 15-20% तेज काम कर सकता है।
2. एनर्जी ईफिशिएंसी: छोटे ट्रांजिस्टर कम पावर कोन्शम खाते हैं। इससे फोन बैटरी लाइफ 25% बढ़ जाती है। यही है 4nm प्रोसेसर का अर्थ।
3. हिट मैनेजमेंट: कम पावर का इस्तेमाल होने से चिप कम गर्म होती है, जिसके कारण डिवाइस ओवरहीटिंग से बचता है। और हमारी बैटरी थोड़ा ज्यादा चलता है।
4. स्पेस बचत: 4nm चिप्स पर 7nm की तुलना में 1.7x ज्यादा ट्रांजिस्टर फिट होते हैं। जिससे जगह कं लगता है। 7nm के मुकाबले मे।
उदाहरण
• Apple A16 Bionic: iPhone 14 Pro में लगा 4nm चिप, जो 15.8 बिलियन ट्रांजिस्टर पैक करता है।
• Qualcomm Snapdragon 8 Gen 2: Android फ्लैगशिप फोन्स में इस्तेमाल होने वाला 4nm प्रोसेसर। जो फ़ोन को Faster बनाता है।
4nm प्रोसेसर कैसे बनते हैं? मैन्युफैक्चरिंग प्रोसेस की झलक।
4nm चिप्स की विनिर्माण प्रक्रिया EUV (एक्स्ट्रीम अल्ट्रावायलेट लिथोग्राफी) तकनीक के द्वारा की जाती है। यह प्रक्रिया बहुत सटीक होती है और सिलिकॉन वेफर्स पर परमाणु स्तर तक डिज़ाइन करते हैं।
1. सिलिकॉन वेफर: सर्किट सिलिकॉन की शुद्ध पतली परत पर बनाए जाते हैं।
2. फोटोलिथोग्राफी: EUV (एक्सट्रीम अल्ट्रावॉयलेट लिथोग्राफी) मशीनें लेजर किरणों का उपयोग करके ट्रांजिस्टर का पैटर्न बनाती हैं।
3. एचिंग और लेयरिंग: अनचाहे सिलिकॉन को हटाने के लिए केमिकल्स की मदद से 3D स्ट्रक्चर तैयार किया जाता है।
4. टेस्टिंग: की की कार्यक्षमता और दक्षता सभी चिप्स की चेक किया जाता है। की सही से कामकर रहा है की नही।
सीमाएँ
• EUV (एक्सट्रीम अल्ट्रावॉयलेट लिथोग्राफी) मशीनें बहुत महंगी हैं (लगभग $150 मिलियन प्रति मशीन).
• धूल के एक कण से भी प्रोसेस खराब हो सकता है, इसलिए कमरों को "क्लीनर थैन ऑपरेशन थियेटर" बनाया जाता है। जिससे धुल का एक कण अन्दर जा ना सेक।
4nm टेक्नोलॉजी के रोचक फायदे: आम उपयोगकर्ताओं के लिए।
1. गेमिंग और मल्टीटास्किंग में धमाल मचा रहा है।
4nm चिप्स की शक्ति का लाभ गेमर्स को मिलता है। जैसे, Genshin Impact जैसे गेम्स को अब अल्ट्रा सेटिंग्स पर 60fps से रन किया जा सकता है, बिना फोन गर्म किए जाए। इसके अलावा, आप एक साथ कई ऐप्स (जैसे YouTube, WhatsApp, गेम) रन कर सकते हैं, और फोन लैग नहीं करेगा। ये सब सम्भव है 4nm प्रोसेसर की मदद से।
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